a-person-standing-on-a-beach-at-sunset एक भटके हुए राही को ओर क्या जरूरत था कुछ भी नहीं था उसके आसपास ज़रुरत थी जो दिल के करीब था बस उसका इंतजार था रास्ते लम्बी थी सांसे गहरी थी उपर आसमान ओर निचे जमीन थी हलचल तो था दिल में पर अजीब सा एक सुकून था ©Tafizul Sambalpuri #इतंजार शायरी लव रोमांटिक