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कभी फ़कीर,कभी शाह,कभी दिलनशीं की तरह ​ज़िंदगी रोज

कभी फ़कीर,कभी शाह,कभी दिलनशीं की तरह

​ज़िंदगी रोज़ हमसे मिलती है अजनबी की तरह
dpksuresh2530

DPK Suresh

New Creator

कभी फ़कीर,कभी शाह,कभी दिलनशीं की तरह ​ज़िंदगी रोज़ हमसे मिलती है अजनबी की तरह #poem

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