मुझे अब किसी शख़्स पर रहा ऐतबार नही ,
सज़ा वो भी दे रहे जिनका मैं गुनहगार नही ।।
अंगुलियां उठाते रहे लोग मेरी सदाक़त पर ,
उसके सिवा दिल किसी का तलबगार नही ।।
जो मेरी हस्ती मिटाने पर जी-जान से तुले है ,
उनके सिवा ही मेरा कोई भी तरफ़गार नही ।।
जब बिके न थे तो हर शख़्स ख़रीदार मिला,
अब जो बाज़ार आए तो कोई ख़रीदार नहीं ।। #nojotohindi#शायरी#nojotowriters#nojotonews#KRP