अचंभित है अंतर्मन की दृष्टि भी देख मेरी आवारगी दर्द में है वो जां बर्दाश्त नहीं तो खुद जख्म को न्योता दे तिल तिल तड़प रहा ये कामिल कवि । #मेरे_जज्बात008 #कुणाल #पागल_प्रेमी #yqdidi #yqbaba #kunu