रूठी ख़ुशियों को यूं मना लूंगी रोते रोते मैं मुस्कुरा लूंगी डालकर अपनी हसरतों पे कफ़न अपनी अर्थी मैं ख़ुद सज़ा लूंगी याद माज़ी की जब सताएगी मीर के शेर गुनगुना लूंगी जा रहा है तो जा ख़ुदा हाफ़िज़ अपने दिल को मैं ख़ुद मना लूंगी muskan Sharma ©मुस्कान शर्मा #Barrier heart broken