मैं और मेरी पसंद अक्सर किसी को पसंद नही आती। दोनो को दुनिया जमाने वाले नकार दिया करते है। मेरी अच्छी कोशिशों को बेकार की फालतू बताकर मेरे मासूम दिल को तकलीफ हजार दिया करते है। मुझे तुम भी तो पसंद थी ना लेकिन क्या हुआ, सपने की कुल्फी जमी, ख्वाहिशे हो गयी धुंआ रोज तुम्हे देखता था अपने लफ्जो से था तुमको छुआ तुम भी देखा करो ना, मैं बुरा दिखता हूँ, दिल का बुरा नही हूँ, तुम मुझसे डरो ना। पता है मेरा कोई दोस्त नही है तुम्हारे शिवा। सारी बाते तो तुम्हे बताता हूँ। कोई मुझे सुनना या पढ़ना पसंद नही करते। इसलिए तो तुममें लिखता जाता हूँ। तुम्हारे तो लाखों दोस्त है लेकिन मेरे तो तुम लाखो में एक हो मेरी दुनिया भर की इनायतें हो तुम घूमने को हील, सिटी, और लेक हो। मेरे सबकुछ होकर भी तुम सिर्फ मेरी नही हो तो कैसे कह दूं को मैं भी तुम्हे पसंद हूँ। इसलिए तो कहा मैं और मेरी पसंद अक्सर किसी को पसंद नही आते। मुझे तो तुम भी पसंद हो लेकिन क्या हुआ फिलिंग्स की चटनी बन गयी, जज्बातो का हलुआ। Dear dairy #santosh_bhatt_sonu