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नफ़रत-ए-इश्क की कहानियाँ बदल रही दर-पे -दर "नाज़िम"

नफ़रत-ए-इश्क की कहानियाँ बदल रही दर-पे -दर "नाज़िम"
वो पराये हो कर भी दिल के करीब आ रहे है।
महरूम न रख सकेगा जमाना,
मुझको उसकी मोहब्बत से। #नफ़रतें इश्क
#महरूम 
#जमाना
#khnazim
नफ़रत-ए-इश्क की कहानियाँ बदल रही दर-पे -दर "नाज़िम"
वो पराये हो कर भी दिल के करीब आ रहे है।
महरूम न रख सकेगा जमाना,
मुझको उसकी मोहब्बत से। #नफ़रतें इश्क
#महरूम 
#जमाना
#khnazim