मन हाँफता, तन काँपता । तुझे देखकर, दिल नाचता। कैसे कहे , किस से कहे। ये बात क्या ,औकात क्या। समझो मेरे ,है जज्बात क्या। दिल से कहि , वो समझो सही। इसे प्यास क्या, तुमसे आस क्या। तुम जानो जरा , है उदास क्या। मेरा रोम रोम, क्यों यू माचता मन हाँफता, तन काँपता। तुझे देखकर, दिल नाचता। तुम जानो सखी, समझो सखी। इसे पीड़ क्या,इसे भीड़ क्या। देवेंद्र प्रजापति तुझे देखकर