अपनी ज़िंदगी को इंसा खुलकर जब भी जीता है अक्सर उसे ये खयाल मन में आते है कर रहा बर्बाद वक़्त को और कुछ हो नहीं रहा है ये उलझन उसके मन में, अक्सर घर कर जाते है पर डरों मत तुम, ये मन में जो फ़िक्र है तुम्हारे तुम्हारे जागरूक होने को दर्शाते है वर्ना तो लोग बेफिक्र हो समय बर्बाद करते है और बाद में बहुत पछताते है सपने वही है जो सोने नहीं देते और दिन-रात आगे बढ़ना सिखाते है अपने खुशी के संग लक्ष्य तक बढ़ते रहो शेरों-शायरी के संग लेखक किताबें भी तो पढ़ते है! ✍️सूरज कुमार "प्रौढ़ कलम" #zindagi #वक़्त #खयाल #मंजिल #शायरी #surajkumarpraudhkalam #praudhkalam #SurajKumar #praudh #kalam