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एक बार खुलकर मुस्कुराना चाहती हूं , दर्द को अपने इ

एक बार खुलकर मुस्कुराना चाहती हूं ,
दर्द को अपने इस तरह छुपाना चाहती हूं ,
उदासी में भी गुनगुनाना चाहती हूं ,
ज़िंदगी ए दौर तो यूं ही गुज़रता रहेगा ,
मैं वक्त को वक्त से पहले अज़माना चाहती हूं ।।

©Bhawna (SB)
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