स्वच्छ समाज, स्वस्थ समाज, यह महज परिकल्पना नहीं, दृढ़ विश्वास है। स्वच्छता, प्रदर्शन नहीं, आत्ममंथन है, संकल्प है, जिम्मेदारियों का एहसास है। स्वस्थ समाज की बुनियाद है, संक्रमण रोकने हेतु एक फरियाद है, पनपती बीमारियों की यही रोकथाम है, जर्जर आदतों से जीतने हेतु एक संग्राम है। स्वच्छता विशेष अवसरों पर आयोजित अभियान नहीं, प्रकृति के प्रति आभार, संसाधनों का उचित सम्मान है।— % & #स्वच्छता तन की, स्वच्छता मन की, स्वच्छता समाज और वातावरण की, कहते हैं, स्वच्छ रहें, स्वस्थ रहें, स्वच्छ रहें, स्वच्छ रखें।