ये घर,ये गालियां,ये मोहल्ले मुझे याद रहते है जब भी गावँ आता हुँ दोस्त मेरे साथ रहते है जब गली से गुजरा तो इतने हाथ उठे दुआओ में मेरी खातिर शहरो में कहाँ ऐसे लोग रहते है VINEET K MITTAL ###kuch kmine kuch purane yaar####