संजोए थे सपने कुछ खास नहीं, लिख रहे थे कागज़ पर मगर कोई किताब नहीं, आप जानते नहीं हमें कोई बात नहीं, हमने रूह न जगादी रचना से किसी की, तो अपनी रचना में वो बात नहीं। ~राजविंदर कौर संधू✍🏻 ©Rajwinder Kour Sandhu संजोए थे सपने कुछ खास नहीं, लिख रहे थे कागज़ पर मगर कोई किताब नहीं, आप जानते नहीं हमें कोई बात नहीं, हमने रूह न जगादी रचना से किसी की, तो अपनी रचना में वो बात नहीं। ✍🏻 ~राजविंदर कौर संधू