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हमने चाहा मगर कहे ना पाये प्यार की दास्तान उनके आ

हमने चाहा मगर कहे ना पाये 
प्यार की दास्तान उनके आगे 
हमने चाहा मगर का ना पाऐ 
जब निगाह मिली शर्म आई 
खुला ना पाई उनके आगे जुबान 
एक उलझी हुई तमन्ना दिल में कुछ 
करवटें ले रही हैं 
उनकी बाहों का ले ले सहारा 
इतनी हिम्मत कहां उनके आगे 
हमने चाहा मगर का ना पाऐ 
प्यार की दास्तान 
मेरे खुद के द्वारा लिखी एक शायरी

©Bharat Mewar
  GOOD AFTERNOON
bharatmewar9714

Bharat Mewar

Silver Star
New Creator

GOOD AFTERNOON #शायरी

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