ब्रज की गलियां रोज सजेगी तुम तो दिल की गलियां सजाना मूरत मुकुंद की हर मंदिर लगेगी तुम अपने मन का बिहारी जगाना ©कृष्ण प्रेमी कुलदीप ब्रज की गलियां रोज सजेगी तुम तो दिल की गलियां सजाना मूरत मुकुंद की हर मंदिर लगेगी तुम अपने मन का बिहारी जगाना #NojotoTurns5