सुख-दु:खक एगो "किस्सा" अछि । जीवन के ई त "हिस्सा" अछि ।। केना बेघर बारिश काटु । ओकर एक टा "चिन्ता" अछि ।। भूखल के जे दुगो रोटी द दैय। सेल्फी पर त "ज़िन्दा" अछि ।। जिबै अछि "जे" सब के ख़ातिर ! सब के रहैत "तन्हा" अछि ।। वादा के "जे" अछि सचमुच पक्का ! "नेचर" ओकर "उल्टा" पुलटा ।। शिक्षा के त बात आहा छोड़ू। अधिकारी सब चमचा अछि।। रोज़गार के लेल भटैक रहल । समाजक सबटा युवानका अछि। बाबा के दलान आय सुना सुना। ऑर्केस्ट्रा में धक्का मुक्की अछि।। सूख-दु:खक एगो किस्सा अछि। जीवन के ई त हिस्सा अछि।। सुख-दु:खक एगो "किस्सा" अछि । जीवन के ई त "हिस्सा" अछि ।। केना बेघर बारिश काटु । ओकर एक टा "चिन्ता" अछि ।। भूखल के जे दुगो रोटी द दैय। सेल्फी पर त "ज़िन्दा" अछि ।। जिबै अछि "जे" सब के ख़ातिर !