रचना दिनांक 31जनवरी 2025 वार शुक्रवार समय सुबह दस बजे ्भावचित्र ् ्निज विचार ् ््शीर्षक ्् ्््माघ मास शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि गुप्त नवरात्रि रुप,, मां ब़म्हचारिणी दैवीय शक्ति नमोस्तुते ्् ््जीव दया और करुणा मंत्रणा सिद्ध हो प्यारा सा जीवन फूलों सा कली में मानव धर्म ही जिंदगी है ्् कंद मूल फल प्राणतत्व पंचतत्व में सूरनाद है,, मन की सुन्दरता से अपनी रूह में जो जलसरिता के शरीर तरंग में , मेघ बरसते इस पुण्य धरा पर क़ंदन करते। बिजली कड़कती मानो किसी अनहोनी का अंदेशा लगता है अनावृष्टि से मेघ बरसते बादलों से घिरा हुआ, धुंध में ध्वनि से धुन मधुर लय राग में तौडी सूर में आरोह अवरोह में बन्दिश सुनाते अपनी लय में ताल त्रिताल में तबला वादन से सांज सांजिन्दे बजा रहे हम सरस्वती आराधना करने वाले हैं ् ्कवि शैलेंद्र आनंद ् 31 जनवरी 2025,, ©Shailendra Anand भक्ति संगीत Extraterrestrial life Kalki कवि शैलेंद्र आनंद