green-leaves प्रेम तो तुमसे आज भी है मगर जताना छोड़ दिया, याद में तेरे हर दिन रोता हूँ मगर बताना छोड़ दिया, एक रिश्ते के लिए तुमने कितने रिश्ते छोड़े है, उन रिश्तों को तुमसे कितना लगाव है वो भी समझाना छोड़ दिया, तुम्हारी तन्हाई के पलो के साथी थे हम आज हम खुद तन्हां है, है बहुत परेशानियां मेरे जीवन में तुम्हें फर्क नहीं पड़ता इसलिए हमने भी बताना छोड़ दिया | ©गुमनाम #एक#खत#उसके#नाम गुरु देव[Alone Shayar] KK क्षत्राणी