चलो यादों की तस्वीर को काग़ज़ पे स्याही करते हैं कर रखी है मनाही जिसकी फ़क़त वही गुस्ताखी करते हैं (See Caption) चलो यादों की तस्वीर को काग़ज़ पे स्याही करते हैं कर रखी है मनाही जिसकी फ़क़त वही गुस्ताखी करते हैं चलो आज़ाद करते हैं खुद को ख़ाक सारी बेड़ियाँ करते हैं मिल रही है सज़ा जिसकी