क्या दू मैं उसे सिवा अपने दिल के, के इस जहाँ में मुझ गरीब का और कुछ नहीं! गर होता सुलल्तान किसी नगर का, तो उसे अपने राज का सरताज बनाता! ©ABi Aman सरताज मेरे नगर का #writing