Nojoto: Largest Storytelling Platform

दया करो हे ईश्वर खत्म करो ये जोरा जोरी रख दो सर पे

दया करो हे ईश्वर
खत्म करो ये जोरा जोरी
रख दो सर पे हांथ सभी के
मन हो न फिर खाली खाली;

दिल में बसते हो तुम ही
जाने कितने अवतार धरे
फिर असहाय पड़े हो क्यों
किससे मैं फिर बल बांधू;

इस मिट्टी से जीवन में
पानी सा अमृत दान दिया
कल कल करती नदियों को
पहाड़ चीरने का वरदान दिया;

संभल जाऊं कैसे अकेले
दूर हो गए जो सब अपने
काली छाया इस धरती पर
काल बनके क्षण क्षण बदले;

परछाई बनके आओ तुम
जुगत नई बताओ फिर
पार लगाओ इस विपदा से भी
हम सबको फिर बहलाओ तुम;

प्रियजन के जाने का दुःख
हरने तुमको ही आना होगा
बहुत समय अब बीत गया
तकते रहना अवसाद बना;

देखो कैसे लासे धधक रही हैं
दो गज मिट्टी को तरस रहीं हैं
अपना भी कोई इनके साथ नही
जाते जाते भी कोई संताप नही;

कब तक बंद रहूंगा घेरों में
आते जाते तो मिलना छोड़ा
बाते करना तो भूला ही भूला
पुर जोर लगाया फिर हरने की
कोशिश सारी बेकार अंधेरों में;

मुझमे सामर्थ इतना भर दो फिर
साहस मरने न पाए शक्तिविहीन से
यथोचित हो जो वो करके देख रहा हूं
जूझ रहा हूं फिर इस अद्रिस्यता से
पल पल में जो ये पाला बदले है फिर;

आखिर कब तक इसके पीछे ही भागूं मैं
कुछ जतन बताओ तुम कि आगे हो जाऊ मैं;

©Umesh Kushwaha दया करो हे ईश्वर
दया करो हे ईश्वर
खत्म करो ये जोरा जोरी
रख दो सर पे हांथ सभी के
मन हो न फिर खाली खाली;

दिल में बसते हो तुम ही
जाने कितने अवतार धरे
फिर असहाय पड़े हो क्यों
किससे मैं फिर बल बांधू;

इस मिट्टी से जीवन में
पानी सा अमृत दान दिया
कल कल करती नदियों को
पहाड़ चीरने का वरदान दिया;

संभल जाऊं कैसे अकेले
दूर हो गए जो सब अपने
काली छाया इस धरती पर
काल बनके क्षण क्षण बदले;

परछाई बनके आओ तुम
जुगत नई बताओ फिर
पार लगाओ इस विपदा से भी
हम सबको फिर बहलाओ तुम;

प्रियजन के जाने का दुःख
हरने तुमको ही आना होगा
बहुत समय अब बीत गया
तकते रहना अवसाद बना;

देखो कैसे लासे धधक रही हैं
दो गज मिट्टी को तरस रहीं हैं
अपना भी कोई इनके साथ नही
जाते जाते भी कोई संताप नही;

कब तक बंद रहूंगा घेरों में
आते जाते तो मिलना छोड़ा
बाते करना तो भूला ही भूला
पुर जोर लगाया फिर हरने की
कोशिश सारी बेकार अंधेरों में;

मुझमे सामर्थ इतना भर दो फिर
साहस मरने न पाए शक्तिविहीन से
यथोचित हो जो वो करके देख रहा हूं
जूझ रहा हूं फिर इस अद्रिस्यता से
पल पल में जो ये पाला बदले है फिर;

आखिर कब तक इसके पीछे ही भागूं मैं
कुछ जतन बताओ तुम कि आगे हो जाऊ मैं;

©Umesh Kushwaha दया करो हे ईश्वर