ज़िन्दगी की बिसात पर, अपने हर कदम को सोच समझकर बढ़ाता हूँ, रखता हूँ मैं पैनी निगाह, प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ जो चक्रव्यूह रचाता हूँ। अपनी बादशाहत बरकरार रखकर, मन मस्तिष्क में उसे उलझाता हूँ, शह और मात के इस खेल में, शतरंज का बेताज़ बादशाह कहलाता हूँ। #challengeno44 #the_speed_of_motivation #collabwithtsom 👉 चार पंक्तियों के साथ collab करें ! 👉कॉमेंट बॉक्स में 55555 लिखें ! 👉समय सीमा 30/09/2020 सुबह 10 बजे तक रहेगी !