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लघु कथा *चाय* सुबह की गुनगुनी धूप में रमा और उम

लघु कथा 

*चाय*

सुबह की गुनगुनी धूप में रमा और उमेश  चाय पी रहे थे। उमेश घूंट लेते ही कह उठे आज  बहुत खुश हो ये  अदरक और इलायची की खुशबू बता रही है। रमा ने कहा ऐसा है क्या ?मेरी चाय से आपको मेरी मूड का पता चल गया !
बोले आज पचास सालों से तुम्हारी हाथ की चाय पी रहा हूँ ,चाय पी कर तुम्हारी जेहन में क्या चल रहा है पता चल जाता है। नाराजगी में कड़क पत्ती वाली , मुझे खुश करना  रहा तो खुशबूदार मसाले वाली और  जब चाय पिलाने के मूड में नहीं रही तो प्लेन चाय पिलाती हो।

अम्बिका मल्लिक ✍️

©Ambika Mallik
  #myhappiness 
#चाय_और_तुम  Anil Ray एक अजनबी Ashtvinayak 0 Mili Saha  poonam atrey R K Mishra " सूर्य " Anudeep .. Anshu writer Gyanendra  Raj Guru Bhavana kmishra Sethi Ji Riya Mohan raj  Kushal Umme Habiba Disha Akshita Maurya  Anjana Thakur  कवि संतोष बड़कुर Angel Nikki aasha chauhan MIND TALK Kirti Pandey