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# "गुन-गुन गुन-गुन करता भँवरा, इर | English Poetry

"गुन-गुन गुन-गुन करता भँवरा,
इर्द-गिर्द फूल के मंडराता रहा;
देख तितली का इश्क़ फूल से,
दिल को अपने समझाता रहा।

पा लेना ही प्रेम नहीं होता,
प्रेम में हार जाना भी पड़ता है;
अपने ही धुन में मगन रहे,
anjalisinghal5635

Anjali Singhal

Bronze Star
New Creator
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"गुन-गुन गुन-गुन करता भँवरा, इर्द-गिर्द फूल के मंडराता रहा; देख तितली का इश्क़ फूल से, दिल को अपने समझाता रहा। पा लेना ही प्रेम नहीं होता, प्रेम में हार जाना भी पड़ता है; अपने ही धुन में मगन रहे, #Poetry #स्वरचितरचना #AnjaliSinghal

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