छत पर टहलना अच्छा लगता है, यूँ बादलों के संग चलना अच्छा लगता है, सितमगर तुम तो आते नहीं तेरी याद आती है, यूँ तनहाइयों से बातें करना अच्छा लगता है, जब पड़ती बूँद बारिश की बरसती आँखे भी मेरी, ये बारिशों का छम छम बहुत अच्छा लगता है....। ©Sudha Pandey मानसून_बरसात