" फिर से आज तेरा नाम आया है , मेरे मुहब्बत का वो मुकाम आया है , छुट गयी थी कभी हमारी राहें कहीं , अपनी मंजिल की छोड़ तलाशने तेरा नाम आया है . " --- रबिन्द्र राम #मुहब्बत #मुकाम #छुट #राहें #मंजिल #छोड़ #तलाशने #तेरा नाम