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कोहरे की धुंध सी तेरी यादें इस कदर छाई तेरे ख्य

कोहरे की धुंध सी 
तेरी यादें 
इस कदर छाई 
तेरे ख्यालों में गुम रहते है
ना भौर की खबर
ना रैन की सुध आई
तू मुझमें यू समाया
जैसे सर्द मौसम का सवेरा
कोहरे की चादर में लिपट कर आया
सुनहरी धूप की किरणों से पिघल कर धुंध
जब ओस की बूंदों में बदल जाए
उनमें भी तो तेरा ही अक्स नजर आए
सर्द मौसम की गुनगुनी धूप भी
अहसास  तेरी मौजूदगी का कराए
शीत हवाओं मे भी स्पर्श तेरा ही पाए
धुंध में हो या हो धूप में या फिर हवाओं के रूप में
मुझमें तेरे अहसास समाए
तू लत नही , आदत नही, सिर्फ चाहत भी नही
तू  तो फितरत बन मुझमें समाए 
जो किसी हालत के जुदा न हो पाए

©kavya soni #dhundh तेरी #Yadein #Kohre ke #dhundh si Sagar The Janu Show Meenakshi RUPENDRA SAHU "रूप"