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ताज़ी है अब भी उस मुलाकात की खुशबु, जज़्बात में दुबे

ताज़ी है अब भी उस मुलाकात की खुशबु,
जज़्बात में दुबे लम्हात की खुशबु।
जिस फूल को पल भर के लिए थाम लिए था,
मुद्दतों से है हांथों में उसी गुलाब की खुशबू smell of love
ताज़ी है अब भी उस मुलाकात की खुशबु,
जज़्बात में दुबे लम्हात की खुशबु।
जिस फूल को पल भर के लिए थाम लिए था,
मुद्दतों से है हांथों में उसी गुलाब की खुशबू smell of love