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Unsplash राष्ट्र का संघर्ष जब बात राष्ट्र पर आएग

Unsplash  राष्ट्र का संघर्ष

जब बात राष्ट्र पर आएगी
स्वाभिमान धरा टकराएगी।
जब दीपक पर खतरा होगा,
अंधियारों का मंजर होगा।
गर्जन होगा असुरों का जब,
दैत्यों का जब शासन होगा।

जब बात युवाओं पर आएगी,

तब क्या लगता है हम सो रहे होंगे?
अहिंसा को लेकर हम ढो रहे होंगे।
कर्तव्यहीन हम हो रहे होंगे,
उम्मीद आशा की खो रहे होंगे।
क्या नहीं दीखेंगे भगत सिंह?
क्या नहीं दीखेंगे राणा प्रताप?
क्या नहीं दिखेगी खूनी नदियां?
क्या नहीं दिखेगा तांडव नृत्य?
क्या भूल चुके हम रक्तपात?
क्या हो गया वीरों का सर्वनाश?
क्या वीर विहीन हो चुकी है सृष्टि?
निर्वस्त्र हो चुकी है सृष्टि,
गुलाम बना लिया है अहंकारी ने।
ज्ञान नहीं है गुलामी का,
पता नहीं है अभिमानी का।
युद्ध क्या यह हो पाएगा?
या दीपक यूं ही बुझ जाएगा?

क्या निकलेगा चाणक्य धरा से?
चंद्रगुप्त क्या उठ पाएगा?
स्वाभिमान रहेगा कदमों पर क्या?
क्या भारत, भारत रह पाएगा?
क्या भारत, भारत रह पाएगा?

©କିଶାନ୍ #India   अdiति  Aj stories  Writer  SHIVAM MISHRA  Richa Chaubey    hindi poetry poetry lovers Entrance examination love poetry in english
Unsplash  राष्ट्र का संघर्ष

जब बात राष्ट्र पर आएगी
स्वाभिमान धरा टकराएगी।
जब दीपक पर खतरा होगा,
अंधियारों का मंजर होगा।
गर्जन होगा असुरों का जब,
दैत्यों का जब शासन होगा।

जब बात युवाओं पर आएगी,

तब क्या लगता है हम सो रहे होंगे?
अहिंसा को लेकर हम ढो रहे होंगे।
कर्तव्यहीन हम हो रहे होंगे,
उम्मीद आशा की खो रहे होंगे।
क्या नहीं दीखेंगे भगत सिंह?
क्या नहीं दीखेंगे राणा प्रताप?
क्या नहीं दिखेगी खूनी नदियां?
क्या नहीं दिखेगा तांडव नृत्य?
क्या भूल चुके हम रक्तपात?
क्या हो गया वीरों का सर्वनाश?
क्या वीर विहीन हो चुकी है सृष्टि?
निर्वस्त्र हो चुकी है सृष्टि,
गुलाम बना लिया है अहंकारी ने।
ज्ञान नहीं है गुलामी का,
पता नहीं है अभिमानी का।
युद्ध क्या यह हो पाएगा?
या दीपक यूं ही बुझ जाएगा?

क्या निकलेगा चाणक्य धरा से?
चंद्रगुप्त क्या उठ पाएगा?
स्वाभिमान रहेगा कदमों पर क्या?
क्या भारत, भारत रह पाएगा?
क्या भारत, भारत रह पाएगा?

©କିଶାନ୍ #India   अdiति  Aj stories  Writer  SHIVAM MISHRA  Richa Chaubey    hindi poetry poetry lovers Entrance examination love poetry in english