मोरनी तेरी रुप मन मोहक तन मन तुझ में हरसाएं पंख फैला कार नाचे जब तू गरजे मेघा बरसाएं बूंदे नाच तेरी देख देख कर झूमे गाए सारे वनराज प्रेम सागर में डूब के झूमे हिरण,उल्लू और गजराज चमकदार पंखों बीच धारी गोल गोल मनमोहक गोला शौभे कान्हा के मुकुट में धन्य हुआ प्रभु गिरिधर ©Pawan Munda मोरनी तेरी रुप मनमोहक