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एक आह्वाहन है बरखा से, इस बार जरा एहसान करो, मैं न

एक आह्वाहन है बरखा से,
इस बार जरा एहसान करो,
मैं ना जानू वो कहाँ गया,
तुम सुनो मेरा एक काम करो,
कुछ आँसू लो मेरे आँखों से,
वो जहां दिखे बरसा देना,
वो चाँद था.. अम्बर भूल गया,
उसे मेरी तलब लगा देना। #VoChand #Barkha
एक आह्वाहन है बरखा से,
इस बार जरा एहसान करो,
मैं ना जानू वो कहाँ गया,
तुम सुनो मेरा एक काम करो,
कुछ आँसू लो मेरे आँखों से,
वो जहां दिखे बरसा देना,
वो चाँद था.. अम्बर भूल गया,
उसे मेरी तलब लगा देना। #VoChand #Barkha