ज़िन्दगी जीने का ख़ास मकसद हो जैसे, हर किसी के जीवन मे होते है कुछ वक्त सुहाने से| भुलाए नहीं भूलते ऐसे कुछ वक्त सुहाने से, याद रहते हैं जो बिताए हो संग बच्चों से| और कुछ वक्त ऐसे भी मिलते हैं सुहाने से, माता पिता के लाड़ प्यार से और डाट फटकार से| 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें..🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को रचना का सार..📖 के प्रतियोगिता:-118 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।