Nojoto: Largest Storytelling Platform

कभी भूलकर जो याद आऊँ तो समझ लेना मे तुम्हारी

कभी  भूलकर  जो याद आऊँ  तो समझ  लेना 
मे  तुम्हारी जरूरत हूँ ।
ऐसे  यूं ही तुमको नज़र आऊँ तो समझ लेना
मे तुम्हारी जरूरत हूँ ।
थोड़े से ग़म थोड़ी जिंदगी मे
लोट  आऊंँ  अगर   बेख़ुदी  मे
मे तुम्हारी  जरूरत हूँ

©SZUBAIR KHAN KHAN भूलकर 

#WorldPoetryDay
कभी  भूलकर  जो याद आऊँ  तो समझ  लेना 
मे  तुम्हारी जरूरत हूँ ।
ऐसे  यूं ही तुमको नज़र आऊँ तो समझ लेना
मे तुम्हारी जरूरत हूँ ।
थोड़े से ग़म थोड़ी जिंदगी मे
लोट  आऊंँ  अगर   बेख़ुदी  मे
मे तुम्हारी  जरूरत हूँ

©SZUBAIR KHAN KHAN भूलकर 

#WorldPoetryDay

भूलकर #WorldPoetryDay