कभी भूलकर जो याद आऊँ तो समझ लेना मे तुम्हारी जरूरत हूँ । ऐसे यूं ही तुमको नज़र आऊँ तो समझ लेना मे तुम्हारी जरूरत हूँ । थोड़े से ग़म थोड़ी जिंदगी मे लोट आऊंँ अगर बेख़ुदी मे मे तुम्हारी जरूरत हूँ ©SZUBAIR KHAN KHAN भूलकर #WorldPoetryDay