बारिशो की उम्मीद में छाते लिए खड़े है हम इश्क़ करके,उसकी आहटे लिए खड़े है वो मजबूरन अपनी खबर नही दे पाता मुझे हम संदेशे की उम्मीद में डाकिया बने खड़े है आहटे !