कलयुग के ईश्क की नई रस्म शायरी से महोब्बत शुरू और जिस्म पर जाकर खत्म सच्ची नफरत अच्छी पर झूठा किसी से प्यार मत करना कुछ करना पर महोबत के नाम पर व्यपार मत करना🙏🙏 Writer-:साहिल शर्मा कलयुग के ईश्क की नई रस्म