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शायद किसी जगह किसी मोड़ पर आया था वो छोड़ अपनी मुस्

शायद किसी जगह
किसी मोड़ पर 
आया था वो छोड़
अपनी मुस्कुराहट
ना जाने था क्या सबब...
आज की बौखलाहट
भारी है उस मुस्कराहट पर
उन्हीं मुस्कराहटों के सहारे 
जी भर पा रहा था वह
वरना तोड़ कर रख चुकी होती
उसकी आज की बौखलाहट
चिन्ता की नहीं कोई बात
बुरे दिन हैं जायेंगे बीत
लौट के आयेंंगी
वो पहले सी मुस्कराहट
बस है जरूरत 
आगे बढ़ने की
परिस्थितियों से लड़ने की
अभी बहुत बाकी है सफर...

©vs dixit
  #मुस्कुराहट