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White रचना दिनांक 15। जनवरी। 2025 वार बुधवार समय

White रचना दिनांक 15। जनवरी। 2025
वार  बुधवार
समय सुबह दस बजे,
्भाव चित्र ्
्निज विचार ्
््शीर्षक ््
््महाभारत काल में पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग में एक स्वर पुकार नाद ध्वनि मारो मारो का कुरुक्षेत्र में 
कौरवों और पांडवों के सैनिक, नायक, महानता से, युद्ध क्षेत्र में युद्ध कला में निपुण हो वीरगति को प्राप्त हो।।
 गया सैनिक का कोलाहल आज भी कुरुक्षेत्र के वीरान युद्ध क्षेत्र में ऐसी स्थिति घटनाओं से ,
अवगत मार्मिक चित्रण किया गया जहां इच्छा मृत्यु प्राप्त की कर्मस्थली रणक्षेत्र में,
 श्रीकृष्ण और अर्जुन संग भीष्म पितामह के संवाद आज भी गुंजते है्््
 माना कि कुरुक्षेत्र में कौरवों और पांडवों और यदुवंशी श्रीकृष्ण बलराम और
 बहन देवकी नंदन वसुदेव पुत्र कर्मवीर नमोस्तुते नमस्ते,
 नारायण योगेश्वर श्रीकृष्ण ने भगवत गीता मानव धर्म कर्म की शिक्षा दीक्षा संस्कार शिक्षण देती हैं ।।
यही मकर संक्रांति पर्व में प्रभास क्षेत्र में आज के दिन दान पुण्य और पितृ मोक्ष कारकं दिव्य तर्पण अर्पण समर्पण भाव वंशानुगत देवत्व कलाओं से परिपूर्ण किर्ति फैलाते हुए सम्पूर्ण लोक में भ़मण करते हुए,,
 पूर्ण रूप में समविलीन हो ऐसा कर्म को ही तिल गुड़ और घी चावल और मुंगदाल का खिचड़ी को किया जाता है,,।।
गर्मवस्त्र कम्बल आसन माला चंदन गाठियां से त्रिकाल संध्या वंदन करते हुए ,,
दान पुण्य प्रभासक्षेत्र में ब़म्हकर्मसाक्ष्य श्रीविश्वामित्र वशिष्ठ जी और,
 संत मुनि श्रृषि संन्यासी वानप्रस्थी योगी बाल बम्हचारी से आर्शीवाद लेकर ,
अपना पुण्य अर्जन करना ही जिंदगी है।।
यही देवभूमि उत्तराखंड हो या फिर कर्म भूमि वर्चस्व अयोध्या,
काशी कांची कामकोटि पीठ जगन्नाथपुरी भेट व्दारका गुजरात है।।
कर्म भूमि पर जातक मृतक प्रथमंअमुकंप्रेतस्य पिण्डदानंतीनशौडषी विधानं में,
 ऊं नमो आदित्याय नमः मकर संक्रांति पर्व काल में पिण्डदान पितृ मोक्ष कारकं दिव्य तर्पण विधि समर्पयामि
 पर जातक परिवार में सुख समृद्धि में वृद्धि हो यही सही सनातन विचार सच का मूल आधार है,,
 आप और हम लोग अवश्य ही सुन्दर और सार्थक प्रयास करें जनसेवा ही,
 मानव जीवन में एक जीवंत कलाकृति होती है।।
्््कवि््शैलेन्द़ आनंद
15  जनवरी  2025

©Shailendra Anand #good_night  नये अच्छे विचार अनमोल विचार
कवि शैलेंद्र आनंद
White रचना दिनांक 15। जनवरी। 2025
वार  बुधवार
समय सुबह दस बजे,
्भाव चित्र ्
्निज विचार ्
््शीर्षक ््
््महाभारत काल में पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग में एक स्वर पुकार नाद ध्वनि मारो मारो का कुरुक्षेत्र में 
कौरवों और पांडवों के सैनिक, नायक, महानता से, युद्ध क्षेत्र में युद्ध कला में निपुण हो वीरगति को प्राप्त हो।।
 गया सैनिक का कोलाहल आज भी कुरुक्षेत्र के वीरान युद्ध क्षेत्र में ऐसी स्थिति घटनाओं से ,
अवगत मार्मिक चित्रण किया गया जहां इच्छा मृत्यु प्राप्त की कर्मस्थली रणक्षेत्र में,
 श्रीकृष्ण और अर्जुन संग भीष्म पितामह के संवाद आज भी गुंजते है्््
 माना कि कुरुक्षेत्र में कौरवों और पांडवों और यदुवंशी श्रीकृष्ण बलराम और
 बहन देवकी नंदन वसुदेव पुत्र कर्मवीर नमोस्तुते नमस्ते,
 नारायण योगेश्वर श्रीकृष्ण ने भगवत गीता मानव धर्म कर्म की शिक्षा दीक्षा संस्कार शिक्षण देती हैं ।।
यही मकर संक्रांति पर्व में प्रभास क्षेत्र में आज के दिन दान पुण्य और पितृ मोक्ष कारकं दिव्य तर्पण अर्पण समर्पण भाव वंशानुगत देवत्व कलाओं से परिपूर्ण किर्ति फैलाते हुए सम्पूर्ण लोक में भ़मण करते हुए,,
 पूर्ण रूप में समविलीन हो ऐसा कर्म को ही तिल गुड़ और घी चावल और मुंगदाल का खिचड़ी को किया जाता है,,।।
गर्मवस्त्र कम्बल आसन माला चंदन गाठियां से त्रिकाल संध्या वंदन करते हुए ,,
दान पुण्य प्रभासक्षेत्र में ब़म्हकर्मसाक्ष्य श्रीविश्वामित्र वशिष्ठ जी और,
 संत मुनि श्रृषि संन्यासी वानप्रस्थी योगी बाल बम्हचारी से आर्शीवाद लेकर ,
अपना पुण्य अर्जन करना ही जिंदगी है।।
यही देवभूमि उत्तराखंड हो या फिर कर्म भूमि वर्चस्व अयोध्या,
काशी कांची कामकोटि पीठ जगन्नाथपुरी भेट व्दारका गुजरात है।।
कर्म भूमि पर जातक मृतक प्रथमंअमुकंप्रेतस्य पिण्डदानंतीनशौडषी विधानं में,
 ऊं नमो आदित्याय नमः मकर संक्रांति पर्व काल में पिण्डदान पितृ मोक्ष कारकं दिव्य तर्पण विधि समर्पयामि
 पर जातक परिवार में सुख समृद्धि में वृद्धि हो यही सही सनातन विचार सच का मूल आधार है,,
 आप और हम लोग अवश्य ही सुन्दर और सार्थक प्रयास करें जनसेवा ही,
 मानव जीवन में एक जीवंत कलाकृति होती है।।
्््कवि््शैलेन्द़ आनंद
15  जनवरी  2025

©Shailendra Anand #good_night  नये अच्छे विचार अनमोल विचार
कवि शैलेंद्र आनंद