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दिखता नही हैं वैसा, होता है मनुज जैसा। फिर मन में

दिखता नही हैं वैसा,
होता है मनुज जैसा।
फिर मन में रोष कैसा?

सब कुछ मिले न वैसा,
चाहा गया हो जैसा।
फिर मन में रोष कैसा?

सब कुछ हुआ न वैसा,
कहते हैं लोग जैसा।
फिर मन में रोष कैसा?

कर्तव्य किया जैसा,
परिणाम मिला वैसा।
फिर मन में रोष कैसा?
............©कौशल तिवारी

.

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©Kaushal Kumar #ऐसा वैसा
दिखता नही हैं वैसा,
होता है मनुज जैसा।
फिर मन में रोष कैसा?

सब कुछ मिले न वैसा,
चाहा गया हो जैसा।
फिर मन में रोष कैसा?

सब कुछ हुआ न वैसा,
कहते हैं लोग जैसा।
फिर मन में रोष कैसा?

कर्तव्य किया जैसा,
परिणाम मिला वैसा।
फिर मन में रोष कैसा?
............©कौशल तिवारी

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©Kaushal Kumar #ऐसा वैसा