किसने??? दिल के ज़ख्मों के घाव भरे किसने, इतने सारे पत्ते रंगे हरे किसने, मैं तो तारीख़ से नाउम्मीद हूँ, इतने सारे किस्से सच्चे करे किसने, कहते थे कि हम मिलेंगे किसी दिन, मेरी याद में इतने कलमे पढ़े किसने, तू नहीं तो तेरी परछाई ही सही, धूप पे अल्फाज़ इतने लिखे किसने, मैं अब भी तेरी वजह से शर्मिन्दा हूँ, मेरे इतने गुनाह आखिर करे किसने, तेरा मिलना क्या अब भी मुनासिब है, तेरी रिहाईयों पे नाके भरे किसने? ©Rangmanch Bharat #nojoto #nojotohindi #nojotohindipoetry #hindi_poetry #hindi_shayari #Quotes #nojotoshayari #rangmanchbharat #Shayari #HeartBook