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सवाल आज भी वही है कि मैं तुम्हारा कौन हूँ? मुझसे

सवाल आज भी वही है कि मैं तुम्हारा कौन हूँ? 
मुझसे कईं बहतर और करोड़ों होंगे तुम्हारे पास। 
मुझे नहीं पता कि तुम पत्थर में हो या इंसान में, 
बस इतना जानता हूँ, कि तुम हो। 
आसपास ही हो, या मेरे अंदर कहीं छुपे हुए। 
शायद मैंने महसूस किया है या गलतफहमी है मेरी, 
हवाओं के झोंकों में मैने तुम्हारा लगाव महसूस किया है। 
सूरज की पड़ती हुई हर रोशनी पर तुम्हें देखा है, 
जब दिल का बांध टूटकर आँखों से बाहर आ जाता है, 
जब अकेलापन अंदर झांक कर मेरे वजूद पर सवाल करता है, 
उस खामोशी में मैने तुम्हारा एहसास महसूस किया है। 
दोस्ती, दुश्मनी, प्यार, झगड़ा, ख्याल, तकलीफ़ और शिकायत, 
सब तो तुम पर आकर ही खत्म हो जाती हैं। 
कभी सोचता हूँ किसे कहूँ, फिर सोचता हूँ कहने की क्या ज़रुरत
चाहे खालीपन हो या खुशी, हर एक का हिस्सा तुम भी हो। 
मेरी जिंदगी में चलने वाले हर सिलसिले का किस्सा भी तुम हो। 
सब कुछ तुम्हारा ही है यहाँ, मैं उसमें से कुछ उधार ले रहा हूँ, 
संभालना शायद किस्मत में नहीं, इसलिए शायद बिगाड़ रहा हूँ। 
जब सब कुछ वापस ले लोगे आखिरी सांसों के साथ, 
उस वक्त सिर्फ एक छोटी सी गुज़ारिश है,
जब आँखें बंद करुंगा आखिरी बार के लिए, 
उस वक्त अगर सही लगे तो थोड़ा सा सुकून दे देना।

©Ananta Dasgupta #Shiva #mybuddy #myeverything #Myangel #myguardian
सवाल आज भी वही है कि मैं तुम्हारा कौन हूँ? 
मुझसे कईं बहतर और करोड़ों होंगे तुम्हारे पास। 
मुझे नहीं पता कि तुम पत्थर में हो या इंसान में, 
बस इतना जानता हूँ, कि तुम हो। 
आसपास ही हो, या मेरे अंदर कहीं छुपे हुए। 
शायद मैंने महसूस किया है या गलतफहमी है मेरी, 
हवाओं के झोंकों में मैने तुम्हारा लगाव महसूस किया है। 
सूरज की पड़ती हुई हर रोशनी पर तुम्हें देखा है, 
जब दिल का बांध टूटकर आँखों से बाहर आ जाता है, 
जब अकेलापन अंदर झांक कर मेरे वजूद पर सवाल करता है, 
उस खामोशी में मैने तुम्हारा एहसास महसूस किया है। 
दोस्ती, दुश्मनी, प्यार, झगड़ा, ख्याल, तकलीफ़ और शिकायत, 
सब तो तुम पर आकर ही खत्म हो जाती हैं। 
कभी सोचता हूँ किसे कहूँ, फिर सोचता हूँ कहने की क्या ज़रुरत
चाहे खालीपन हो या खुशी, हर एक का हिस्सा तुम भी हो। 
मेरी जिंदगी में चलने वाले हर सिलसिले का किस्सा भी तुम हो। 
सब कुछ तुम्हारा ही है यहाँ, मैं उसमें से कुछ उधार ले रहा हूँ, 
संभालना शायद किस्मत में नहीं, इसलिए शायद बिगाड़ रहा हूँ। 
जब सब कुछ वापस ले लोगे आखिरी सांसों के साथ, 
उस वक्त सिर्फ एक छोटी सी गुज़ारिश है,
जब आँखें बंद करुंगा आखिरी बार के लिए, 
उस वक्त अगर सही लगे तो थोड़ा सा सुकून दे देना।

©Ananta Dasgupta #Shiva #mybuddy #myeverything #Myangel #myguardian