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वो जुबान पर अक्सर किस्से और नजरों में बहुत सारा कह

वो जुबान पर अक्सर किस्से और नजरों में
बहुत सारा कहानियाँ रखती है....
घर से निकलते ही तुम पंछियों की तरह चंचल हो गयी 
अस्मा को पाने की चाहत में तुम पर्वत हो गयी 
औरों का सहारा बनते बनते
 तुम समन्दर का किनारा हो गयी 
प्रेम में जब पडी मृदुभाषी हो गयी 
प्रेम में जब जली  दीपिका हो गयी 
प्रेम में जब ढली तो निशा हो गयी
प्रेम इतना पढ़ा उसने... 
प्रेम इतना जिया उसने.... 
की  मेरे लिखते ही लिखते  वो अंकिता (ANKITA) हो गयी...!

©pankaj tandan #ankita #happy # birthday #khush #parvat
वो जुबान पर अक्सर किस्से और नजरों में
बहुत सारा कहानियाँ रखती है....
घर से निकलते ही तुम पंछियों की तरह चंचल हो गयी 
अस्मा को पाने की चाहत में तुम पर्वत हो गयी 
औरों का सहारा बनते बनते
 तुम समन्दर का किनारा हो गयी 
प्रेम में जब पडी मृदुभाषी हो गयी 
प्रेम में जब जली  दीपिका हो गयी 
प्रेम में जब ढली तो निशा हो गयी
प्रेम इतना पढ़ा उसने... 
प्रेम इतना जिया उसने.... 
की  मेरे लिखते ही लिखते  वो अंकिता (ANKITA) हो गयी...!

©pankaj tandan #ankita #happy # birthday #khush #parvat