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मेरी कविता अपने समाज के उस अपराध के लिए जिससे

मेरी  कविता  अपने समाज  के उस अपराध  के लिए जिससे आप वाजिब है-"बलात्कार " जिंदगी  तेरी अबला कि तरह ,निभानी तुझे  एक राही  की तरह। तु वो है जो आग मे पानी  का दरिया  ढूंढ  ले,तु वो है जो राहो पर चले तो राहो की सरहद ढूंढ  ले।तु वो है जो अपने जूनून को पाने चलेतो कामयाबी  की दहलीज  को पार कर ले। तु वो है जो अपने स्वाभिमान  को जगाकर जीवन को प्रेरक बना ले।    जिंदगी  तेरी ...  निभानी तुझे .....!!१!! meri dil ki pukarr
मेरी  कविता  अपने समाज  के उस अपराध  के लिए जिससे आप वाजिब है-"बलात्कार " जिंदगी  तेरी अबला कि तरह ,निभानी तुझे  एक राही  की तरह। तु वो है जो आग मे पानी  का दरिया  ढूंढ  ले,तु वो है जो राहो पर चले तो राहो की सरहद ढूंढ  ले।तु वो है जो अपने जूनून को पाने चलेतो कामयाबी  की दहलीज  को पार कर ले। तु वो है जो अपने स्वाभिमान  को जगाकर जीवन को प्रेरक बना ले।    जिंदगी  तेरी ...  निभानी तुझे .....!!१!! meri dil ki pukarr

meri dil ki pukarr #poem