।।वो चौहान अभी भी जिंदा है ।। शौर्य और स्वाभिमान अभी जिंदा है आजमालो गर आजमाना है तुम्हे कौम के कई चौहान अभी जिंदा हैं ।। रक्त का प्रवाह ,बुझा नही रक्त की आन अभी जिंदा है कई आये और चले गए मगर हमारा निशान अभी भी जिंदा है ।। अहसान फरामोश हो गए तुम तो क्या तुम पर किये अहसान अभी जिंदा है भेद डाली थी लंका गौरी की जिसने वही रक्त चौहान अभी भी जिंदा है नतमस्तक को दिया वो प्राण दान अभी जिंदा है । गौरी की गुरबत खत्म मगर दिलों में अभी जिंदा है ©kavi aditya shukla #kavita #poem #veerras #Like #follow #droplets