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इरादा था दोस्ती का, फिर हुआ कैसे प्यार न जाने कब ह

इरादा था दोस्ती का, फिर हुआ कैसे प्यार
न जाने कब हुए हम साथ चलने को तैयार
सारे दिन थे प्यार के, दोस्ती के दिन थे चार
हमेशा से ही साथ रहा ,तू  बनके मेरा यार
लोगो ने कहा  ये दोस्ती नहीं इसे कहते हैं प्यार
मैंने दोस्त ही समझा लेकिन करता था जां निसार
सुन सुन के सबकी बातें  मन होने लगा बेकरार
उलझन पड़ने लगी थी की कही हो तो नही गया प्यार
फिर करने लगा था यूं ही अक्सर तेरा ही दीदार
और जब न देखता तुझको तो बिन बीमारी बीमार
तेरी आंखों में ऐसी चमक जैसे चमके तलवार
और आंखों का काजल जैसे लगी हो उसमे धार
हर दिन करने लगा था तू मेरे दिल पर वार
 आया मुझको भी समझ की मुझे हो गया  प्यार
 मुझे भी दिखने लगी थी तेरी चाह बेशुमार
 अब यकीन हो गया था ,है तुझे भी मुझसे प्यार
 फिर आई थोड़ी नफरत भी पर प्यार बार बार
 तुझे प्यार करते करते एक अरसा दिया गुजार❤️

©Aman Kashyap
  🥰🥰❤️
aman4842740271138

Aman Kashyap

Bronze Star
New Creator

🥰🥰❤️ #Love

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