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Aman Kashyap

कुछ खास किस्से अपने हिस्से लिखता हूं

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Aman Kashyap

इरादा था दोस्ती का, फिर हुआ कैसे प्यार
न जाने कब हुए हम साथ चलने को तैयार
सारे दिन थे प्यार के, दोस्ती के दिन थे चार
हमेशा से ही साथ रहा ,तू  बनके मेरा यार
लोगो ने कहा  ये दोस्ती नहीं इसे कहते हैं प्यार
मैंने दोस्त ही समझा लेकिन करता था जां निसार
सुन सुन के सबकी बातें  मन होने लगा बेकरार
उलझन पड़ने लगी थी की कही हो तो नही गया प्यार
फिर करने लगा था यूं ही अक्सर तेरा ही दीदार
और जब न देखता तुझको तो बिन बीमारी बीमार
तेरी आंखों में ऐसी चमक जैसे चमके तलवार
और आंखों का काजल जैसे लगी हो उसमे धार
हर दिन करने लगा था तू मेरे दिल पर वार
 आया मुझको भी समझ की मुझे हो गया  प्यार
 मुझे भी दिखने लगी थी तेरी चाह बेशुमार
 अब यकीन हो गया था ,है तुझे भी मुझसे प्यार
 फिर आई थोड़ी नफरत भी पर प्यार बार बार
 तुझे प्यार करते करते एक अरसा दिया गुजार❤️

©Aman Kashyap
  🥰🥰❤️

🥰🥰❤️ #Love

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Aman Kashyap

❤️❤️

❤️❤️ #Shayari

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Aman Kashyap



जो मैं घाव बनूं तो मरहम तुम बन जाना
जो मैं दिल बनूं तो धड़कन तुम बन जाना
जो मैं संगीत बनूं तो सरगम तुम बन जाना
जो मैं मुसाफिर बनूं तो हमदम तुम बन जाना

जो मैं पंछी बनूं तो नीड़ तुम बन जाना 
जो मैं काया बनूं तो जीण तुम बन जाना
जो मैं कुंभ बनूं तो पीड़ तुम बन जाना
जो मैं दिगंबर बनूं तो चीर तुम बन जाना


जो मैं समंदर बनूं तो लहर तुम बन जाना
 जो मैं सूरज बनूं तो दोपहर तुम बन जाना
 जो मैं विषधर बनूं तो जहर तुम बन जाना 
 जो मैं बंजारा बनूं तो बसर तुम बन जाना

जो मैं सावन बनूं तो बरसात तुम बन जाना
जो मैं अल्फाज बनूं तो बात तुम बन जाना
जो मैं अंधेरा बनूं तो रात तुम बन जाना
जो मैं एक याद बनूं तो सौगात तुम बन जाना

जो मैं नदी बनूं तो नीर तुम बन जाना
जो मैं मुजरिम बनूं तो ताजीर तुम बन जाना
जो मैं रांझा बनूं तो हीर तुम बन जाना
जो मैं गुलाम बनूं तो जंजीर तुम बन जाना

जो मैं  गीत बनूं तो राग तुम बन जाना
जो मैं पुष्प बनूं तो पराग तुम बन जाना
जो मैं लौ बनूं तो चिराग तुम बन जाना
जो मैं चिता बनूं तो आग तुम बन जाना

©Aman Kashyap
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Aman Kashyap

74वा गणतंत्र दिवस 🇮🇳🇮🇳🇮🇳

जश्न का समय है पर्व का समय है
हर हिंदुस्तानी के लिए गर्व का समय है

भीगी सुबह ,चिड़ियों की चहक 
खेत खलिहान और मिट्टी की महक
उगता सूरज धीमी धीमी पवन
बारिश के बाद प्रकृति का यौवन
सब कुछ वही है कुछ भी नही है खास
खास है तो आज के दिन का हर्षोल्लास 
हर्ष भरे भारतवर्ष के इस स्वर्णिम दिवस की आप सभी को सहृदय ढेरों शुभकामनाएं
जय हिंद जय हिंद जय हिंद🇮🇳🇮🇳🇮🇳

©Aman Kashyap
  गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं

गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं #Society

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Aman Kashyap

I was sixteen when  decided my goal
Now  18 , identified my soul

There is a chance to be a star
Working hard ,my destination is far

I don't Grab for momentary happiness
Beaten my loniless , became fearless

I am falling ,calling myself
 not  asking anyone for help

Some people told my goal is impossible
I said  wait , my name will be memorable

They told the fear of my goal
They didn't know , i already knew whole

©Aman Kashyap
  my goal
#Study #motivatation #Nu #viral #Goals
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Aman Kashyap

न जाने इस मुंह से कब, क्या  निकल जाए
न जाने ये जुबान कब फिसल जाए
तभी दिल के तराजू में हर बात को बकायदा तौल लेता हूं
लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी कुछ न कुछ कड़वा बोल देता हूं

©Aman Kashyap
  जुबान
#New #viral #Life

जुबान #New #viral Life #Thoughts

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Aman Kashyap

अब तो ये बात आम हो गई
किताबों में जिंदगी गुमनाम हो गई
एक ही कमरे में रहता पूरा दिन
पता ही नहीं चलता कब सुबह और कब शाम हो।गई❤️

©Aman Kashyap
  every aspirant can relate

every aspirant can relate #Knowledge

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Aman Kashyap

पुष्प उवाच✍️✍️

खुद की खुशी दिखाने के लिए  क्यों मेरी खुशी को छीन लिया
खुद को निखारने के लिए क्यों मुझे मलीन किया

क्या गुनाह था मेरा जो तूने मुझे धरती पर गिरा दिया
खुद की मुलाकात थी तो मुझे क्यों विरह दिया

मैं अंजान था तेरे इस त्रस्त कारनामे से
तूने तोड़कर जमी पे फेंका
और किसी ने मुझे पैरो तले दबा दिया

चल बता तू, क्या हुआ था मुझसे ऐसा गुनाह
जो कर दिया तूने मेरी सब खुशियों को इस कदर फना
छीन ली तूने मेरी खुशबू मैं कर न पाया तुझको मना
मैं बेजुबान सी जान पर करता रहा मैं सना (वंदना)

मैं  तो मस्त मौला  पंछियों की चहक सुन रहा था
क्या पता था कि तू मुझे मिटाने के ख्वाब बुन रहा था
मेरे मनोहर रूप को देखके एक एक करके मुझको चुन रहा था
मैं चीखा चिल्लाया लेकिन मेरी कौन सुन रहा था

तुझे कैसे बताऊं की मुझे भी सहर में सूरज के साथ खिलना है
 मद्धम सूरज में मुझे भी धीमी धीमी हवाओं से जी भर के मिलना है

तू दे वजह क्यों बेवजह  दी तूने  मुझको यूं सजा
क्या तूने जाना मेरा मन क्या जानी मेरे दिल की रजा


तू कितना बड़ा खुदगर्ज है ,आज तूने दिखा दिया
खुशी छीन के औरों  की, खुद कैसे हंसे ये सिखा दिया

ए खुदगर्ज मनुष्य तूने आज तेरी खुदगर्जी को जिता दिया
 हस्ते हस्ते तूने, एक मासूम सी जान को मिटा दिया

कौन सी मेरी जिंदगी बिना खुशबू और मुरझाकर
कौन है सुनने वाला मैं क्या करूं बताकर

©Aman Kashyap
  flower said:)
#Popular #No_1trending
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Aman Kashyap

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Aman Kashyap

Your eyes looks like  a sharp knife
You are the reason of my strife
 i always intruduced you as a part of my life
 And listen miss you are my unmarried wife❤️

©Aman Kashyap ❤️😁

#WinterLove

❤️😁 #WinterLove

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