"औझल" ये कुछ लम्हों पहले की बात है में उसे आवाज़ देता रहा मेरा गला बैठ गया उसने पीछे मुड़ कर भी नहीं देखा मानो उसने कुछ सुना ही नहीं वो मेरे नज़रों से दूर जा रहीं थी मेरा मन घबरा रहा था जी मचल रहा था साँसे रुक रही थी समय थम गया था आँखों मे अँधेरा छा रहा था मेरे दोस्त मुझें कोष रहे थे बोल रहे थे तुझें पहले ही कहा था ये मोहब्बत का सफ़र ठीक नहीं जो भी इसमें गया अपनी पहचान खो गया औऱ जो लौट आए बीमार हो गया मेरा भूख मिट गया प्यास भुझ गई नींद चला गया चैन-अमन छिन गया में टूट चुका था किसी तारे की तरह क़ब्र मेरे सामनें था औऱ बस मुझें उसमे लेटना था कोई आता औऱ मुझें ढक देता बालू से औऱ में खो जाता जमी के अंतर्मन में अनंत काल के लिए फ़िर मेरा ख्वाब टूटा क़िस्सा छूटा, में सहमा, घबराया फिर संभला ये ख़्वाब ही तो है हक़ीक़त थोड़ी। ©Akhilesh Dhurve #shyari #Love #Nojoto #Quote #Tranding #India #Night #writer #Like #SuperBloodMoon