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बताऊँ क्या मुझे ऐसे सहारों ने सताया है, नदी तो कुछ

बताऊँ क्या मुझे ऐसे सहारों ने सताया है,
नदी तो कुछ नही बोली किनारों ने सताया है,
सदा ही सुल मेरी राह से खुद हट गए लेकिन,
मुझे तो हर घड़ी हर पल बहारों ने सताया है।

©प्रभाकर अजय शिवा सेन
  बताऊँ क्या मुझे ऐसे सहारों ने सताया है।

बताऊँ क्या मुझे ऐसे सहारों ने सताया है। #Poetry

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