तुम झील तो मैं कोई साहिल हूँ, तू मंज़िल है तो मैं कोई सफर में हूँ । तू अंत तो मैं उस तक पहुचने का मंजर हूँ ।। तुझ से मिलना ही तो मुकाम है मेरा । तुझ में समा जाना ही तो अंत है मेरा ।। #झील #साहिल #मुक़ाम #मंज़िल