पाया है मानव तन तो, इंसानियत का धर्म निभाऊँगा, आया हूँ इस जगत में तो, कुछ अजूबा ही कर जाऊँगा। नहीं चाहिए मुफ्त की रोटी, मैं कर्मठ बन दिखलाऊँगा, अपने लहू से सींचकर धरती को, हरियाली कर जाऊँगा। राष्ट्रीय धर्म अपना करके, अपने देश का मान बढ़ाऊँगा, तिरंगा के शान की खातिर, अपनी जान लुटा जाऊँगा। नहीं कोई कार्य है दुष्कर, मैं आसमां तक सीढ़ी बनाऊँगा, चाहे तू कुछ भी कहो, मैं असंभव भी कर ले जाऊँगा। #Challengeno8 #collabwithtsom #the_speed_of_motivation 👉collab करने से पहले हमारे नियम और शर्तों को पिन पोस्ट 📌पर पढ़ें ! 👉8 पंक्तियों के साथ collab करें जो भी लिखे motivation लिए हुए होना चाहिए ! 👉collab करने के बाद comment box में सिर्फ 55555 ही लिखें !