White कल की सोच मैं आज को छोड़ चला अपने कल को संवारने की होड में आज को भुल चुका आज जो है हाथ खाली उन्हें कल की उम्मीदों के सहारे बांध चला कल को संवारने के लिए मैं आज को नाराज़ कर चला ©SAAHIL KUMAR आज/कल